आज दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र, रामकृष्ण मिशन आश्रम, मोराबादी, रांची में निदेशालय पुनर्वास (डी.जी.आर.), रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित 60 दिवसीय कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस प्रशिक्षण में थल सेना, वायु सेना एवं जल सेना के कुल 21 भूतपूर्व सैनिक सम्मिलित हुए।

समारोह का शुभारंभ पूर्वाह्न 10:00 बजे स्वामी भवेशानंद, सचिव, रामकृष्ण मिशन आश्रम, मोराबादी, रांची एवं स्वामी ईश्वरानंद द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।

अध्यक्षीय भाषण में स्वामी भवेशानंद महाराज ने कहा कि भूतपूर्व सैनिक अनुशासन और कर्मनिष्ठा के प्रतीक हैं। उन्होंने उन्हें आह्वान किया कि कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में स्वरोज़गार अपनाकर वे आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दें। उन्होंने यह भी कहा कि उन्नत कृषि तकनीकों और व्यावसायिक दृष्टिकोण को अपनाकर पूर्व सैनिक इस क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने पूर्व में प्रशिक्षण प्राप्त कर सफल हुए भूतपूर्व सैनिकों की प्रेरणादायक कहानियाँ भी साझा कीं, जो डेयरी, पोल्ट्री और अन्य कृषि-आधारित व्यवसाय में कार्यरत हैं।

श्री ओ. पी. दुबे, रामकृष्ण मिशन प्रबंधन समिति के सदस्य ने खेती में आधुनिक तकनीकों के प्रयोग और व्यावसायिक संभावनाओं पर विस्तार से विचार रखे।

डॉ. मनोज कुमार सिंह ने कहा कि भारत कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में निरंतर प्रगति कर रहा है। खाद्यान्न उत्पादन में देश आत्मनिर्भर है, दलहन उत्पादन में हम अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति की ओर अग्रसर हैं तथा तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने हेतु प्रयास जारी हैं। उन्होंने बायो-इनपुट रिसोर्स सेंटर उत्पादन तकनीक पर विस्तृत जानकारी भी दी।

डॉ. भरत महतो ने डेयरी, पशुपालन एवं मशरूम उत्पादन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भारत विश्व में मशरूम उत्पादन में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद इस क्षेत्र में लोगों की रुचि और बढ़ी है, क्योंकि मशरूम कोलेस्ट्रॉल मुक्त प्रोटीन का एक उत्कृष्ट स्रोत है और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है।

डॉ. राजेश कुमार ने कृषि विज्ञान केंद्र की गतिविधियों का परिचय देते हुए प्रशिक्षण विषयों – जैसे मशरूम उत्पादन एवं मधुमक्खी पालन – पर विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने प्रतिभागियों को संवाद और शंका समाधान हेतु सक्रिय रूप से आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया।

प्रशिक्षण की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि यह 60 दिवसीय कार्यक्रम मशरूम उत्पादन, बायो-इनपुट रिसोर्स सेंटर उत्पादन तकनीक एवं मधुमक्खी पालन तकनीक पर केंद्रित रहेगा। इसमें प्रतिभागियों को स्वरोज़गार हेतु आवश्यक मार्गदर्शन एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

इस अवसर पर दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. राजेश कुमार, डॉ. मनोज कुमार सिंह, डॉ. भरत महतो, श्री गंभीर कुमार महतो सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजेश कुमार ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन स्वामी ईश्वरानंद द्वारा प्रस्तुत किया गया।