मोराबादी (रांची) : आज दिव्यायन कृषि विज्ञान केन्द्र, रामकृष्ण मिशन आश्रम, मोराबादी, रांची के तत्वावधान में निदेशालय पुनर्वास (डी.जी.आर.) प्रायोजित भूतपूर्व सैनिकों का कौशल प्रशिक्षण का समापन समारोह का आयोजन किया गया| यह प्रशिक्षण कार्यक्रम निदेशालय पुनर्वास (डी.जी.आर.), रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से किया गया| समारोह की शुरुआत पूर्वाहन 10.30 बजे मुख्य अतिथि माननीय रक्षा राज्य मंत्री, भारत सरकार, श्री संजय सेठ; ब्रिगेडियर सौम्य बनर्जी; ब्रिगेडियर निरंजन कुमार (सेवानिवृत निदेशक); स्वामी भवेशानंद, सचिव; स्वामी अंतरानंद, सह-सचिव, रामकृष्ण मिशन आश्रम, मोराबादी, रांची द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया| कार्यक्रम में सभी अतिथियों का स्वागत स्वामी भवेशानंद द्वारा अंगवस्त्र एवं पुष्प गुच्छ देकर किया गया|
मुख्य अतिथि श्री संजय सेठ ने देश की रक्षा करने में भूतपूर्व सैनिकों का अहम् रोल होने, भारत की सेना का अभूतपूर्व पराक्रम एवं भूतपूर्व सैनिकों के सेवानिवृत होने के बाद भी राष्ट्र की सेवा में विकसित भारत बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया| उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों को जैविक मधु पालन एवं अन्य उद्दाम करने हेतु KVIC से लिंक करने का आह्वान किया|
विशिष्ट अतिथि श्री सौम्य बनर्जी ने निदेशालय पुनर्वास (डी.जी.आर.) एवं कृषि विज्ञान केंद्र, रांची द्वारा विभिन्न पाठ्यक्रम में प्रशिक्षण का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न होने तथा गाँव, समाज एवं देश के विकास में भूतपूर्व सैनिकों के योगदान पर अपने विचार रखे|
स्वामी भवेशानंद महाराज ने स्वागत संबोधन में भूतपूर्व सैनिक प्रशिक्षनार्थियों को देश को समृद्ध एवं आत्मनिर्भर बनाने हेतु आह्वान किया| उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों का कौशल प्रशिक्षण के उपरान्त देश की जी.डी.पी. बढाने में एवं देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होने का आह्वान किया| प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. भरत महतो ने कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में संभावना, उद्दाम शुरू करने हेतु आवश्यक इनपुट एवं बैंक से जुड़कर लोन की उपलब्धता एवं प्रोजेक्ट प्रपोजल बनाने पर तकनीकि जानकारी दी|
विदित है की यह प्रशिक्षण कार्यक्रम दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र, मोराबादी, रांची में 21 अप्रैल 2025 से 20 जून 2025 तक आयोजित की गयी| इसके अंतर्गत डेयरी, बकरीपालन एवं मुर्गीपालन विषय प्रत्येक में 20 दिवसीय प्रशिक्षण दी गयी| डेयरी फार्मिंग में गाय की देखरेख एवं प्रबंधन, चारा उत्पादन एवं चारा प्रछेत्र परिभ्रमण, मुख्य रोगों के लक्षण, उसका निदान एवं समाधान की तकनीकि जानकारी दी गयी| मुर्गीपालन के अंतर्गत ब्रायलर एवं लेयर मुर्गीपालन, ड्यूल पक्षी का पालन एवं प्रबंधन, मूल्य संवर्धन एवं योग पर विस्तृत तकनीकि जानकारी प्रदान की गयी| इसके अतिरिक्त प्रशिक्षनार्थियों को डेयरी फार्म, दूध संग्रह केन्द्रों का भ्रमण, अनगड़ा के विभिन्न गांवों में बकरीपालन केंद्र का भ्रमण के साथ इन्हें सरकारी योजनाओं की नाबार्ड के पदाधिकारियों एवं पशु चिकित्सकों के द्वारा विस्तृत जानकारी दी गयी| प्रशिक्षण के दौरान इन्हें दिव्यायन के सफल भूतपूर्व प्रशिक्षनार्थियों द्वारा भी आपसी बातचीत एवं संबोधन कराया गया|
ब्रिगेडियर निरंजन कुमार (सेवानिवृत निदेशक) ने सैनिकों के सेवानिवृत होने के बाद जैविक खेती, पशुपालन एवं कृषि के क्षेत्र में संभावनाओं को जानकारी दी एवं उद्दाम की शुरुआत कर आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया| इस अवसर पर कुल 21 भूतपूर्व सैनिकों को प्रमाण पत्र वितरण किया गया|
मौके पर दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डॉ. अजीत कुमार सिंह, डॉ. राजेश कुमार, श्री संजय डिंडा, ई. ओ. पी. शर्मा, श्री गंभीर कुमार महतो व अन्य कई कार्यकर्ता उपस्थित थे|
कार्यक्रम का संचालन श्री प्रफुल्ल कुमार सीओ एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अजीत कुमार सिंह ने किया|





