दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र, रामकृष्ण मिशन आश्रम, मोराबादी, रांची के तत्वावधान में प्रदेश के कृषि वैज्ञानिकों को तेलहनी एवं दलहनी फसलों की उत्पादन तकनीकि पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम आई.सी.ए.आर. अटारी-पटना जोन-4 द्वारा प्रायोजित किया गया। कार्यक्रम का उ‌द्घाटन मुख्य अतिथि प्रधान वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद मोनाबुल्लाह; विशिष्ट अतिथि डॉ. डी. बी. सिंह; बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक-सह-प्रधान डॉ. हेमचन्द्र लाल एवं आश्रम के सचिव श्रीमत स्वामी भवेशानंदजी महाराज द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डॉ. अजीत कुमार सिंह ने अतिथियों का स्वागत अंग-वस्त्र एवं संस्थान द्वारा उत्पादित सामग्रियों को देकर किया गया।
मुख्य अतिथि ने प्रशिक्षण का उद्देश्य समूह प्रथम पंक्ति प्रत्यक्षण कार्यक्रम में तेलहनी एवं दलहनी फसलों की उत्पादकता एवं उत्पादन बढाने की तकनीकि एवं क्षेत्र विस्तार कर देश में आयात को कम कर आर्थिक हानि को कम करने का आह्वान किया ।
अटारी पटना के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. डी. बी. सिंह ने किसानों की कृषि पद्धति में मुलभुत गैप को पहचानने एवं वैज्ञानिकों द्वारा योजना के अंतर्गत तेलहनी एवं दलहनी फसलों की सर्वोत्तम प्रबंधन तकनीकि को जोड़कर उत्पादन बढाने का आह्वान किया। उन्होंने वैज्ञानिकों को तेलहनी एवं दलहनी फसलों हेतु तकनीकि का डिजाइन बनाने सम्बन्धी उचित मार्गदर्शन दिया । इसके पूर्व बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. हेमचन्द्र लाल एवं मुख्य अतिथि द्वारा फसलों में कीट/रोग के प्रबंधन पर विस्तृत जानकारी दी गयी । वैज्ञानिकों को प्रदेश में तेलहनी एवं दलहनी फसलों की उचित किस्म का चयन करने तथा सर्वोत्तम पैकेज एवं प्रक्टिसेज का भी ध्यान रखने का आह्वान किया गया।
इस कार्यक्रम में प्रदेश के 16 कृषि विज्ञान केंद्र का प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल पदाधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन दिव्यायन कृषि वैज्ञानिक केंद्र के वैज्ञानिक डॉ आर. के. सिंह ने किया । कार्यक्रम में डॉ. ए. के. सिंह, वरीय वैज्ञानिक; डॉ. मनोज कुमार सिंह, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. नेहा राजन, डॉ. विशाखा सिंह, डॉ. आर. के. सिंह, ई. ओ. पी. शर्मा एवं दीपक पाहन आदि उपस्थित